Thursday, August 29, 2013

मोतिहारी में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन दूसरे दलों के नेताओं ने रालोसपा की सदस्यता ग्रहण की



बिहार में लोकसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता सम्मेलन के पहले चरण में मोतिहारी में आयोजित सम्मेलन में दूसरे दलों के नेताओं ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद उपेंद्र कुशवाहा और प्रदेश अध्यक्ष डा. अरुण कुमार, पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद सहित राष्ट्रीय व प्रदेश के नेता मौजूद थे।
इस मौके पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश की जनता ने जंगल राज के विकल्प में नीतीश सरकार को सत्तासीन किया था, पर अफसोस आज सूबे में जालिम राज कायम है। मोतिहारी के स्थानीय नगर भवन के मैदान में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक बिहार के किसानों व नौजवानों की स्थिति नहीं सुधरेगी, तबतक यहां के विकास की बातें करनी बेमानी होगी। उन्होंने लोकसभा चुनाव में राज्य सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। कुशवाहा ने कहा कि सरकार ने प्रदेश की जनता को धोखा दिया है। प्रदेश के मान-सम्मान के लिए उन्होंने ऊपरी सदन की कुर्सी छोड़ी और वे प्रदेश की जनता के साथ कभी धोखा बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. अरुण कुमार ने कहा कि राज्य में नीति व सिद्धांतों की राजनीति मृतप्राय हो चुकी है। नीतीश और लालू प्रसाद दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पार्टी नेताओं का तिरस्कार किया और भगोड़ों की जमाअत अपने आसपास जमा कर ली है। पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद, राष्ट्रीय महासचिव विनोद कुशवाहा, विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष विज्ञान स्वरुप सिंह, पार्टी के प्रधान महासचिव शंभू कुशवाहा, प्रदेश उपाध्यक्ष शमीम रजा, युवा रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डा. नूर हसन आजाद, दलित-महादलित प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विद्यानंद राम, प्रदेश युवा उपाध्यक्ष रामपुकार सिन्हा, शिवहर के जिलाध्यक्ष दीनबंधु सिंह, विजय कुशवाहा,  मदन लाल चौधरी, राजेश्वर सिंह, रतन पटेल, विनोद चौधरी,  जयजाति यादव, प्रमोद सिंह, मंगल प्रसाद, दुर्गेश सिंह, केशव कुमार, संजीत सिंह ने भी सभा को संबोधित किया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष संत सिंह कुशवाहा ने की।
इस मौके पर विभिन्न दलों के नेताओं ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इनमें दिलीप कुशवाहा, दिनेश पाठक, प्रतिमा कुमारी शाही, बबिता सिंह, डा. इम्तयाज आलम, डा. युनूस कुरैशी, विनोद राम सहित दो दर्जन नेता प्रमुख हैं।
इससे पहले डुमरियाघाट और संग्रामपुर में उपेंद्र कुशवाहा और डा अरुण कुमार का मोतीहारी जाने के क्रम में पार्टी के युवा नेता दिलीप सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में धनगढ़हां चौक पर फूल-माला पहना कर भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर रणधीर मिश्र, चुन्नू मिश्र, सत्येन्द्र सिंह, पप्पु कुमार, शैलेश कुशवाहा, अरविंद यादव मौजूद थे।

सीवान में कार्यकर्ता सम्मेलन में नीतीश सरकार की नाकामियों को उजागर किया उपेंद्र कुशवाहा व अरुण कुमार ने



 सीवान में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी कार्यकता सम्मेलन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद उपेद्र कुशवाहा और प्रदेश और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पूर्व सांसद डा अरुण कुमार ने नीतीश सरकार की खामियों को उजागर करते हुए लोगों से कहा कि रालोसपा का गठन एक बेहतर विकल्प देने के लिए किया गया है। दोनों नेताओं ने कहा कि जिस जंगल राज को खत्म करने के लिए नीतीश कुमार को आगे कर हमने समता पार्टी का गठन किया था, उन्हीं नीतीश कुमार के राज में हालत और बदतर हो गई है।
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार पिछड़ा नेतृत्व को देश में पनपने देना नहीं चाहते हैं। इसीलिए पिछड़े जमात से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने देना नहीं चाहते हैं। टाउन हाल में पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नीतीश का वतर्मान तथाकथित समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष चेहरा बिहार की जनता को धोखा देने के लिए है। उन्होंने कहा कि जंगलराज के विकल्प के रूप में इन्हें नेता बनाया गया था। लेकिन आज इनके साथ जंगलराज में उत्पात करने वालों की टोली आ गई है।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद व पार्टी के अध्यक्ष सह राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष डा. अरुण कुमार ने कहा कि बिहार में विचारों की राजनीति स्व. जनननायक कर्पूरी ठाकुर व स्व. कपिलदेव बाबू के बाद मृतप्राय है। उन्होंने कहा कि बड़ी उम्मीद से बिहार की सत्ता पर नीतीश कुमार को स्थापित किया गया था। लेकिन सत्ता में उन्होंने मूल्यों को ताक पर रख दिया है। सम्मेलन को पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर आजाद, विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, उदयभान,ने भी संबोधित किया। सम्मलेन की अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह कुशवाहा ने की। संचालन अमरेश कुशवाहा ने किया। इस मौके पर नंदजी राम, विद्या भगत, हीरालाल कुशवाहा, रामाशंकर प्रसाद सहित बड़ी तादाद में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे।

Thursday, August 22, 2013

गया में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में नीतीश सरकार की खामियों को उजागर किया

 


गया के धर्मसभा भवन में 18 अगस्त को राष्ट्रय लोक समता पार्टी के लोकसभा क्षेत्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और प्रदेश अध्यक्ष डा अरुण कुमार सहित दूसरे नेताओं ने किसान व गरीब बेरोजगारों की समस्याओं को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सूबे की सरकार को समाप्त करने के लिए पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं के द्वारा नीति निर्धारित की गई है। भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, वेतन विसंगति, खाद्य, बीज के बढ़ते दामों सहित किसानों की समस्या का जिक्र करते हुए इस पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद डा. अरुण कुमार ने कहा कि नीतीश सरकार किसानों के हित वाली तिलैया ढाढर परियोजना का काम पूरा न करके भवन पुननिर्माण का कार्य कर रही है। उन्होंने इसके पीछे कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें सरकार के लोगों को भारी 'रकम' मिलती है। उन्होंने शिक्षा की व्यवस्था को आम आदमी तक सुलभ कराने की बात कही। वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं ने क्षेत्रीय विकास की योजनाओं के लिए 17 सूत्री प्रस्ताव पेश किया। सम्मेलन को पार्टी के उक्त वरिष्ठ नेताओं के अलावा वरष्ठि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद, विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष शिव कुमार, शमीम रजा, अभियान समिति के अध्यक्ष विज्ञान स्वरूप सिंह, प्रदेश के प्रधान महासचिव शंभु कुशवाहा, युवा रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव, तारणी प्रसाद, सुमन पटेल, राजेश यादव, सरफराज अहमद, जिलाध्यक्ष सुनील कुमार कुशवाहा, प्रदेश सचिव अजीत यादव, रंजन पासवान, परमेन्द्र ठाकुर, जिला महासचिव सह मीडिया प्रभारी अमित प्रकाश, जिला युवा अध्यक्ष शंभु सिंह सहित प्रदेश तथा जिले के नेता व कार्यकर्ताओं ने संबोधित किया।

Sunday, August 4, 2013

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का अभियान शुरू

राष्ट्रीय लोक  समता पार्टी  बिहार की नितीश सरकार को सत्ता से
बेदखल  करने  के लिए कृतसंकल्प है।  बिहार  की नितीश सरकार हर मोर्चे पर फ़ैल है। बिहार की जनता इस निरकुंश और सुशासन का ढोल पीटने वाली सरकार से उब चुकी है. राष्ट्र्यीय लोक समता पार्टी बिहार में विकल्प देने में सक्षम है राष्ट्र्यीय लोक समता पार्टी के कार्यकर्त्ता सम्मलेन में वक्ताओं की  उभर कर सामने  आयी.. पार्टी ने हाजीपुर संसदीय सीट से कार्यकर्त्ता सम्मलेन का शुभारम्भ किय. पहले चरण में १५ लोकसभा सीटों पर कार्यकर्ता सम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है. हाजीपुर में राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार,वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर आज़ाद, राष्ट्रीय [अध्यक्ष  लुतुफुर रहमान,  राष्ट्रीय ,महासचिव सह प्रवक्ता फज़ल इमाम मल्लिक,विधानपार्षद संजीव श्याम   प्रदेश  अभियान समिति के अध्यक्ष विज्ञानं स्वरुप सिंह के अलावा प्रदेश और जिला के नेताओं से संबोधित किया 
श्री कुशवाहा और डॉ कुमार सहित दुसरे नेताओं का ज़ोरदार  स्वागत हुआ और सैकड़ों की तादाद में मोटरसाइकिल सवारों के काफिले के बीच नेता सभास्थल तक पहुंचे  

Sunday, July 28, 2013

कोई दल मुगालते में नहीं रहे: शंकर आजाद


राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद का कहना है कि कोई भी दल इस मुगालते में नहीं रहे कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी हाल में वजूद में आई है, इसलिए कमजोर है। यह सही है कि हमने बातचीत के लिए सारे विकल्प खुले रखे हैं लेकिन हम लोकसभा की सभी 40 और विधानसभा की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने में सक्षम हैं। शंकर आजाद ने खास बातचीत में कहा कि हम जिस किसी के साथ भी गठबंधन करेंगे तो इस बात का खास ध्यान रखेंगे कि कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं का आत्मसम्मान बना रहे। पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मान की कीमत पर किसी भी दल के साथ हम समझौता नहीं कर सकते। शंकर झा आजाद ने साफ कहा कि बिहार में हम एक तीसरी ताकत के तौर पर उभरे हैं और बिहार के दबे-कुचले, गरीब-गुरबा, किसान मजदूर हमारी तरफ उम्मीद भरी नजर से देख रहे हैं। हमारी पार्टी उनकी आकंक्षाओं पर खरी उतरने की कोशिश करेगी। यह बात भी किसी को नहीं भूलनी चाहिए कि बिहार में अगली सरकार बिना राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की मदद से बन ही नहीं सकती। अगली सरकार के केंद्र में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी होगी, गठबंधन की इच्छा रखने वाले दलों को यह याद रखना चाहिए।

राजगीर चिंतन सह प्रशिक्षण शिविर की तस्वीरें






  राजगीर चिंतन सह प्रशिक्षण शिविर की तस्वीरें

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का चिंतन सह प्रशिक्षण शिविर संपन्न





 राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का तीन दिवसीय चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर राजगीर (नालंदा) के जननायक कर्पूरी नगर में आयेजित हुआ। प्रशिक्षण शिविर में जहां अपने कार्यकर्त्ताओं का नीतीश सरकार को उखाड़ फेकने का पाठ पढ़ाया गया वही पार्टी के नेताओं ने अपने पार्टी पदाधिकारी को सात बिन्दुओं का एक दृष्टि पत्र देकर अपने-अपने क्षेत्र में नीतीश सरकार की विफलता को बताते हुए संगठन  को मजबूत करने का निर्देश दिया गया। इस चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर में राज्य के सभी जिलो से पार्टी पदाधिकारी को आमंत्रण किया गया था और सभी जिलों से पार्टी पदाधिकारी जोश और खरोश से पहुॅच कर पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व को यह एहसास करा दिया कि अन्य दलो के भांती यह दल भी कुछ करने का दम रखती है। इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार और वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद द्वारा संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया गया। इस शिविर में राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक, राष्ट्रीय महासचिव संजय वर्मा, विनोद कुशवहा, नूर हसन आजाद, क्रांति प्रसाद, शिवकुमार सिंह, अभियान समिति अध्यक्ष विज्ञान स्वरूप सिंह, प्रदेश युवा अध्यक्ष मनोज यादव, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष यशोदा कुशवाहा, प्रदेश महासचिव अंगद कुशवाहा, प्रधान महासचिव शंभू कुशवाहा, हिमांशु पटेल, प्रदेश युवा महासचिव अरविंद कुमार, प्रदेश सचिव अरुण सिंह, कटिहार जिलाध्यक्ष उमाकांत आनंद, प्रदेश कमिटि के सदस्य शत्रुघन यादव सहित राज्य भर से आए प्रतिनिधियों ने भी पार्टी पदाधिकारी को संबोधित किया। बहरहाल इस चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर से सत्ता दल में इस बात को लेकर बैचेनी हो गयी है आखिर कौन सी राजनीति चली जा रही है जबकि शिविर में इस बात की भी घोषणा की गई कि नीतीश सरकार को उखाड़ फेकने के लिए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के पास सारे विकल्प खुले है। वह किसी भी दल से गठबंधन कर नीतीश सरकार को उखाड़ फेकेंगी। हालांकि अपनी ताकत का अंदाजा लगाने के लिए रालोसपा लोक सभा का चुनाव अकेले दम पर बिहार के सभी चालीस सीट पर लड़ेगी।
इस तीन दिवसीय चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर में पहले दिन दो चरणो में चिंतन सह प्रशिक्षण शिविर को बांटा गया था। प्रदेश अध्यक्ष डा अरुण कुमार ने स्वागत भाषण और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उदघाटन भाषण में अपनी बात रखी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता फ़ज़ल इमाम मल्लिक ने पार्टी के दृष्टि पत्र के प्रारूप को लोगों के सामने रखा। बाद में इस पर पर हुई। चर्चा में कई पार्टी पदाधिकारी ने दृष्टि पत्र पर अपने-अपने विचार भी प्रकट किया।
दूसरे दिन प्रथम सत्र में ‘वतर्मान राजनीत में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की भूमिका’ विषय पर चर्चा किया गया तो तीसरे दिन पार्टी के अगामी कार्यक्रम की घोषणा की गई।  इस प्रशिक्षण शिविर में राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार राष्ट्रीय राजनीति का बदलाव का गवाह रहा है और इसका उदाहरण है कि जब 1990 में जब समाजिक न्याय की ताकत बिहार में उभर का सामने आई तो समाजिक न्याय पर छूटे सवालो को लेकर जार्ज फर्नानडीस के नेतृत्व में  समता पार्टी का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि आज जो सत्ता का सुख भोग रहे हैं, वह सत्ता का सुख उनकी अपनी कमाई नही है बल्कि उन्हीं जार्ज फर्नानडीस के 15 वर्षो का मेहनत का फल है लेकिन वतर्मान में सरकार चलाने वाले मुखिया उन्हें ही दरकिनार कर दिया जिन्होंने अपने संघर्ष से यह मुकाम हासिल कराया है। उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि इस सरकार का विफलताओं को जन-जन तक पहुॅचाने का काम रालोसपा करेगी। इसके लिए सभी जिलो में एक कार्यकर्त्ता सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इस सम्मेलन के माध्यम से जहां अपना संगठन मजबूत करना है वही आम जन को भी इस सरकार में हो रहे बलात्कार, हिंसा, मिड डे मिल नरसंहार, धार्मिक स्थल बौद्ध मंदिर में हुए बम कांड के बारे में भी बताना है। वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर आजाद ने अपने संबोधन में पार्टी पदाधिकारी को कई मंत्र दिए। उन्होंने पार्टी पदाधिकारी को बताया कि इस सरकार में समाजिक न्याय नहीं है युवा वर्ग निराश है कानून व्यवस्था गिरी हुई है, शिक्षा-व्यवस्था चौपट है, अल्पसंख्यक के लिए न्याय एवं भागीदारी नही है,सरकार में आर्थिक नीति की चुनौती और लूटतंत्र है कृषि और किसान परेशान है। आजाद ने पार्टी पदाधिकारी को बताय कि अपने-अपने क्षेत्र में जाकर सदस्यता अभियान को भी तेज करना है ताकि पार्टी के संगठन में और मजबूती मिले। उन्होने पार्टी पदाधिकारी से यह भी राय लिया कि नीतीश सरकार को हटाने के लिए किस दल से गठबंधन करना है तो सभी पार्टी पदाधिकारी  ने अपने-अपने विचार प्रकट किया लेकिन सबो ने एकमत होकर यह राय दिया कि इसके लिए नेता द्वय उपेन्द्र कुशवाहा एवं अरुण कुमार को गठबंधन का निर्णय लेने के लिए समक्ष है और उनके द्वारा लिया गया निर्णय सवर्मान्य होगा। वही उन्होने  कहा कि एक समय इस दल के लिए ऐसा आयेगा कि राष्ट्रीय पार्टी आकर गठबंधन के लिए अपना प्रस्ताव देगी इसके  लिए हम सभी कार्यकर्त्ता  को एकजुट होकर कार्य करना होगा। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार ने कहा कि छपरा के मशरक में हुए बाल नरसंहार को जब उपेन्द्र कुशवहा देखकर आए तो  वह वहा के दृश्य को देखकर रो बैठे और कहा कि ऐसी   सरकार को किसी भी सूरत में रहने का हक नही है। अगर सरकार जब बच्चे का हिफाजत नही कर सकती है तो आम लोगो की क्या हिफाजत करेगी। डा. कुमार ने कहा कि सूबे में सबसे बड़ा अस्पताल पटना मेडिकल कालेज हॉस्पीटल में आज पांच साल से ब्लड बैंक में एसी नही जबकि बिना एसी ब्लड बैंक में खून रखने पर वह कितना सुरक्षित रह सकता है वह बताने की चीज नहीं है और वतर्मान सरकार कहती है कि हम स्वास्थ्य क्षेत्र में आमूलचल परिवर्तन कर रहे है क्या यही है आमूलचल परिवर्तन। उन्होने कहा कि अगर रालोसपा की भागीदारी वाली सरकार बनी तो जिन किसानों का जमीन किसी सरकारी कार्य में अधिकृत होगा उस जमीन का किमत के साथ-साथ उस जमीन से होने वाले आय का 5 प्रतिशत जमीन दाता के परिवार को आजीवन रोआलटी मिलेगी। बहरहाल इस चिन्तन सह प्रशिक्षण शिवरि में कई प्रस्ताव भी लिये गये। जिसमें छपरा में  हुए बाल नरसंहार के के बाद सरकार के विफलता के कारण 24 जुलाई को सूबे के सभी जिला में जिला पदाधिकारी के कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया। बौद्ध गया के मंदिर के समक्ष पुलिस चौकी के सामने हुये बमकांड का निंदा प्रस्ताव लिया गया। वही कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि राशन कूपन प्रणाली का व्यवस्था ही लूट करने के लिए बनाया गया है क्योंकि सरकारी पदाधिकारी के इशारे पर ही कूपन में लूट होती है अगर इस प्रणाली को बंद कर जो राशि से राशन मिलता है वही राशि कूपन धारक को बैंक के माध्यम से भेजकर चेक  के द्वारा डीलर को देकर अपने राशि का उठाव करता तो लूट रूक सकती है और 40 हजार जनवितरण प्रणाली दुकान भले ही सरकार का एक उपक्रम है लेकिन सरकारी लाभ के नाम कुछ नही है अगर उन्हे एक उचित वेतन देकर सरकारी नौकरी के रूप में रखा जाय तो वह स्वयं भी लूट को रोकने में अपनी सहभागीता देगी। वही सभी पार्टी पदाधिकारियो ने  एक स्वर में पार्टी को मजबूत करने का निर्णय लिया ओर कहा कि आने वाले दिनो में सरकार में रालोसपा की भागीदारी होगी तो जन नायक कर्पूरी के रास्ते पर चलकर समाजिक न्याय  की धारा को मजबूत करेगे।निराश युवा वर्ग को शिक्षा और रोजगार के अवसर हर स्तर पर उपलब्ध कराया जायेगा और अपनी प्रतिभा के मुताबिक देश ओर राज्य की सेवा करेगें। कानून व्यवस्था को सुदृढ बनाया जायेगा। शिक्षा व्यवस्था में फैली अराजकता को रोक कर इसे मजबूत किया जायेगा। अल्पसंख्यको को समाजिक न्याय के साथ उनका हक भी मिलेगा। सरकारी तंत्र में लूट है उसे बंद किया जायेगा। वही चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर में बिहार विधान परिषद के सदस्य सह शिक्षक नेता संजीव श्याम सिंह ने भी पार्टी के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए सदस्यता ग्रहण किया और कहा कि वतर्मान सरकार हर मोर्चा पर विफल है चाहे वह शिक्षक का समान काम समान वेतन का मामला हो या फिर चिकित्सा हो याह कृषि ,कानून। उन्होने कहा कि वतर्मान सरकार की अपनी लाभ और अवसरपरस्ती का आलम यह है कि 17 वर्षो का गठबंधन को महज एक क्षण में दूर कर दिया इससे ही यह प्रतीत होता है कि जदयू में कितनी तानाशाही है और महत्वाकांक्षी अवसरवादी अपने फायदे के लिए किसी का इस्तेमाल कर और काम समाप्त होने पर उठाकर फेंक देना जदयू की आदत हो गयी है। इसलिए रालोसपा ही एक मात्र ऐसा विकल्प है कि सूबे में अमन चैन लाया जा सकता है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने बिहार के सभी 40 लोकसभा सीटों पर कार्यकर्ता सम्मेलन करने का फैसला किया है। पहले चरण में पंद्रह लोकसभा सीटों को चुना गया है। चार अगस्त से पार्टी का यह अभियान हाजीपुर संसदीय सीट से शुरू होगा। इस कड़ी में सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, झंझारपुर, उजियारपुर, आरा, बक्सर, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, नवादा और पूर्णिया शामिल है। 29 अगस्त को पूर्णिया संसदीय क्षेत्र में कार्यकता सम्मेलन के पहले चरण का समापन होगा। बाकी के पच्चीस लोकसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं के सम्मेलन की तारीखों का एलान बाद में किया जाएगा।



Saturday, July 27, 2013

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन

पटना के गांधी मैदान में नवनिर्माण मंच द्वारा आयोजित रैली के अवसर पर पूर्व सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने नयी पार्टी के साथ नये नारे की घोषणा की ‘जय जवान जय किसान-मिल के करेंगे नवनिर्माण’.
कुशवाहा ने नये राजनीतिक दल ‘राष्ट्रीय लोक समता पार्टी’ का जैसे ही ऐलान किया, गांधी मैदान में मौजूद हजारों लोगों ने हाथ उठा कर इस घोषणा का अनुमोदन कर दिया.
इस अवसर पर नवनिर्माण मंच के नेता और पूर्व सांसद प्रोफेसर अरुण कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी( आरएलएसपी) के अध्यक्ष बनाये जाने का प्रस्ताव रखा जिसे गांधी मैदान में मौजूद हजारों लोगों ने हाथ उठा कर समर्तन जताया.
कुशवाहा ने कहा, हमारी पार्टी युवाओं और किसानों की ताकत से बिहार का नवनिर्माण करेगी. उन्होंने नारा दिया ‘जय जवान जय किसान-मिलके करेंगे नवनिर्माण’.
इस अवसर पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के किसानों और यवाओं ने पिछले 9 दिसम्बर को कृष्ण मेमोरियल हॉल में यह प्रस्ताव रखा था कि एक नयी राजनीतिक पार्टी का गठन होना चाहिए. नवनिर्माण मंच के कार्यकर्ताओं ने उस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए कहा था कि इसकी घोषणा गांधी मैदान से की जायेगी. आज हम यह घोषणा करके बिहार वासियों की मांग का सम्मान करते हैं.
मौके पर अरुण कुमार ने कहा कि हमने नीतीश की सरकार बनाने के लिए हर कुर्बानी दी थी लेकिन उनकी सरकार राज्य में कुशासन और भ्रष्टाचर को बढ़ावा दिया और और तानाशाही शुरू कर दी. इसलिए हमें जनता के हित में नयी पार्टी का गठन करना पड़ा.
नवनिर्माण रैली में शामिल लोग
अरुण कुमार ने कहा उन्होंने कहा कि गांधी मैदान में हमने जिस जोश के साथ नयी पार्टी के गठन की घोषणा की है इसी जोश के साथ हम इस कुशासन की सरकार को उखाड़ फेकने के लिए संघर्ष करने की भी घोषणा करते हैं.
इस अवसर पर पूर्व विदायक सतीश कुमार ने नीतीश सरकार की जम कर आलोचना की और कहा कि इस सरकार ने किसानों और युवाओं के साथ धोखा किया है.
हम इस सरकार की नाकामियों को पूरे राज्य की जनता को बतायेंगे. सभा को पूर्व मंत्री लुतफुर्रहमान ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों ने जिस तरह से नीतीश कुमार का समर्थन दिया था नीतीश कुमार ने उसके बरअक्स अल्पखंकों के साथ धोखा किया. सभा को नूर हसन आजाद, राजेश यादव, फजल अमाम मलिक समेत अनेक लोगों ने सम्बोधित किया.

सूबे में 25 लाख सदस्य बनायेगा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी

पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अगले तीन महीनों में सूबे में 25 लाख सदस्य बनायेगा। यह घोषणा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने रविवार को वीरचंद पटेल पथ स्थित शहीद सूरज नारायण सिंह स्मारक भवन में उनके शहादत दिवस पर अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करने के दौरान की।
इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा व प्रदेश अध्यक्ष डा.अरूण कुमार ने स्मारक भवन में शिविर लगाकर पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की। इस तरह के शिविर सभी जिला मुख्यालयों में लगाए गए। श्री कुशवाहा ने प्रत्येक जिला में कम से कम 50 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया है। दावा किया कि नौजवान, महिला, अल्पसंख्यक व दलित समुदाय के लोग पूरी गर्मजोशी से पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। इस शिविर में 10 हजार लोगों के सदस्यता ग्रहण करने का दावा पार्टी की तरफ से किया गया है। मौके पर पार्टी के प्रधान महासचिव शंभु कुशवाहा, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रो.अभयानंद, कोषाध्यक्ष तारिणी प्रसाद सिंह,  पूर्व मंत्री लुतफुर रहमान, शिव कुमार सिंह, शमीम रजा, युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज कुमार यादव,
पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अगले तीन महीनों में सूबे में 25 लाख सदस्य बनायेगा। यह घोषणा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने रविवार को वीरचंद पटेल पथ स्थित शहीद सूरज नारायण सिंह स्मारक भवन में उनके शहादत दिवस पर अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करने के दौरान की।
इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा व प्रदेश अध्यक्ष डा.अरूण कुमार ने स्मारक भवन में शिविर लगाकर पार्टी के सदस्यता अभियान की शुरुआत की। इस तरह के शिविर सभी जिला मुख्यालयों में लगाए गए। श्री कुशवाहा ने प्रत्येक जिला में कम से कम 50 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया है। दावा किया कि नौजवान, महिला, अल्पसंख्यक व दलित समुदाय के लोग पूरी गर्मजोशी से पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। इस शिविर में 10 हजार लोगों के सदस्यता ग्रहण करने का दावा पार्टी की तरफ से किया गया है।
मौके पर पार्टी के प्रधान महासचिव शंभु कुशवाहा, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रो.अभयानंद, कोषाध्यक्ष तारिणी प्रसाद सिंह, संजय वर्मा, पूर्व मंत्री लुतफुर रहमान, शिव कुमार सिंह, शमीम रजा, युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज कुमार यादव,
रेणु कुमारी सिन्हा, पुष्पा कुमारी आदि मौजूद थीं।
मौजूद थीं।

लोक समता पार्टी ने दिया धरना

जमुई : बुधवार को कचहरी चौक पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। जिसकी अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार ने की। इस मौके पर वक्ताओं ने सारण की घटना को लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए निंदा की। बाद में धरना पर बैठे सदस्यों ने मृत बच्चों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा। धरना में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मु. बुलंद अख्तर, मुरारी मंडल, राजेन्द्र महतो, रामवृक्ष महतो, प्रमोद मंडल, रविन्द्र मंडल, आस्तिक पासवान, बबलू सिन्हा, रामप्रताप साह, अमित सिन्हा, मु. असगर मलिक, सोनू मलिक सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

लोक समता पार्टी ने किया विरोध प्रदर्शन

बांका : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के कार्यकत्र्ताओं ने मशरक मिड डे मील घटना के विरोध में बुधवार को काली पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही समाहरणालय पर कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। जिलाध्यक्ष डॉ.विनय प्रसाद व मीडिया प्रभारी सुनील कृष्णज ने बताया कि राजगीर चिंतन शिविर में राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के आह्वान पर यह आंदोलन किया गया। सितंबर महीने के पहले सप्ताह में पार्टी का जिला सम्मेलन बांका में होगा। इसकी तैयारी के लिए जनसंपर्क किया जा रहा है। आंदोलन में मुनीलाल कुशवाहा, कैलाश कामती, शिवशंकर पंजियारा, विमला देवी, सुरेश रजक, बालगोविंद मडल, पंकज कापरी, दशरथ वर्मा, राजीव पंजियारा, नाबीव हुसैन आदि शामिल हुए।

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने दिया धरना

बेतिया,
: चार सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की पश्चिम चम्पारण जिला इकाई ने गुरुवार को समाहरणालय के मुख्य द्वार एक दिवसीय धरना दिया। नाराज पार्टी के समर्थकों ने बेतिया के प्रस्तावित मेडिकल कालेज को अन्य जिला में हस्तांतरित करने के किसी प्रयास का जमकर विरोध किया। वे बगहा के नौरंगिया गोली कांड के मृतकों के आश्रितों को दस लाख मुआवजा देने की भी मांग कर रहे थे। बाद में पार्टी का एक शिष्टमंडल महामहिम राज्यपाल को जिलाधिकारी श्रीधर सी. के माध्यम से एक ज्ञापन सौंपा। उसमें मृत परिवार के आश्रितों को सरकारी नौकरी देने, गोलीकांड के घायलों को एक लाख मुआवजा राशि देने की मांग प्रमुख है। शिष्टमंडल में अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष दारोगा प्रसाद, जिला उपाध्यक्ष मुखलाल महतो, मोहम्मद सगिर, राजेश कुमार गुप्ता, केदार शास्त्री, नथू चौधरी, नवल किशोर कुशवाहा, लक्ष्मण प्रसाद, नरेन्द्र कुमार यादव आदि शामिल थे।

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का धरना

बिहार में बढ़ते अपराध को नियंत्रित करने में कथित रूप से विफल हो चुकी सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के बैनर तले बुधवार को जिला समाहर्ता भोजपुर के समक्ष एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया।
धरना को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने छपरा में विषाक्त मध्याह्न भोजन लेने से 23 बच्चों की मौत, औरंगाबाद में नक्सलियों द्वारा पुलिस राइफल लूटने, बेगूसराय में छात्रा की गोली मारकर हत्या, नासरीगंज में दो बच्चों की हत्या, बगहा पुलिस फायरिंग में गरीबों की हत्या जैसी घटनाओं के लिए नीतीश सरकार को जिम्मेदार बताया। साथ ही कृषि संकट से जूझ रहे शाहाबाद के किसानों की प्रमुख समस्या सिंचाई पर भी चर्चा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह ने एवं संचालन अनिल कुमार राय ने किया। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर, शंकर तिवारी, अशोक कुशवाहा, परमात्मा सिंह,पिंटू, सरिता श्रीवास्तव, सत्यदेव सिंह,कामेश्वर पांडेय, हरिशंकर ओझा,निल्लू श्रीवास्तव, प्रमोद चौधरी, माना पांडेय, डा. संजय यादव, संजय सिंह, डा. हरेन्द्र सिंह तोमर, सुधीर श्रीवास्तव, कामेश्वर कुशवाहा, संतोष श्रीवास्तव, रणधीर कुमार कुशवाहा,सविता देवी, धनरावती देवी, सरस्वती देवी, मिथिलेश चंद्रवंशी उपस्थित थे।

Tuesday, March 12, 2013

नीतीश के खिलाफ लामबंदी तेज


फ़ज़ल इमाम मल्लिक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चौतरफा घेरेबंदी शुरू हो गई है। एक तरफ सहयोगी भाजपा नरेंद्र मोदी के सवाल पर उनके साथ कोई समझौता करने के मूड में नहीं लगती तो दूसरी तरफ ठेका शिक्षकों पर पुलिसिया लाठी चार्ज के मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट को सफाई देनी पड़ रही है। विरोधी दल तो इस मुद्दे को भुनाने का प्रयास कर ही रहे हैं। पिछड़ी कुर्मी जाति के नीतीश के वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश में अब उपेंद्र कुशवाहा भी जुट गए हैं। कुशवाहा  जद (एकी) के राज्यसभा सदस्य थे। लेकिन पिछले दिनों नीतीश पर अधिनायकवाद का आरोप लगा उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता और जद (एकी) दोनों से नाता तोड़ लिया। कुशवाहा ने अपनी अलग राष्ट्रीय लोक समता पार्टी भी बना ली है।
नियोजित व वित रहित शिक्षकों के प्रदर्शन और पुलिसिया दमन से आलोचना में घिरे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इन सब के बीच उनके कई पुराने साथियों ने उनका साथ छोड़ कर उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। सिर्फ साथ छोड़ते तो नीतीश कुमार की परेशानी नहीं बढ़ती लेकिन दो महीने पहले तक जद (एकी) के सांसद रहे उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी का एलान कर नीतीश कुमार को संकट में डाल दिया है। नीतीश पिछड़ों की राजनीति करते हैं और उपेंद्र भी पिछड़ी जाति कोयरी से आते हैं। बिहार में उनकी आबादी तकरीबन बारह फीसद है और यह तादाद कुशवाह की राजनीतिक जमीन के लिए काफी है। उनकी जाति के लोग उनके पीछे खड़े हैं क्योंकि उन्हें लगने लगा है कि उपेंद्र को नीतीश ने छला है। इसकी एक बड़ी वजह उपेंद्र कुशावहा का पार्टी और राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र भी है। उनका कार्यकाल करीब चार साल बाकी था और वे चाहते तो खामोशी के साथ सत्ता का सुख भोग सकते थे। लेकिन नीतीश की तानाशाही की वजह से उन्होंने सत्ता का मौह त्याग कर नए सिरे से संघर्ष का रास्ता चुना। यह भी सही है कि दो बार पहले भी वे नीतीश का साथ छोड़ कर गए थे लेकिन बाद में फिर उनके साथ हो लिए। लेकिन इस बार वे आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने तीन मार्च को पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली की जिसमें बिहार के हर जिले से लोग आए थे। रैली में करीब दो लाख लोगों की शिरकत से कुशवाहा उत्साहित हैं। इसकी एक वजह तो यह भी है कि बीते साल नवंबर में जद (एकी) की अधिकार रैली में इतनी भीड़ नहीं जुट पाई थी, जबकि सरकार ने लोगों को लाने के लिए हर तरह की सुविधा मुहैया कराई थी। नए बने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी केउपेंद्र राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं। बाकी पदाधिकारियों का चयन होना बाकी है।
 लेकिन यह बात साफ है कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में जातीय गणित का खास ख्याल रका गया है। जहानाबाद के पूर्व सांसद और कभी नीतीश के करीबी रहे डा. अरुण कुमार अगड़ी जाति से आते हैं, इनके अलावा शंकर झा आजाद, विज्ञान स्वरूप सिंह, संजय वर्मा भी हैं तो पिछड़ी जाति से ही सतीश कुमार आते हैं। पूर्व सांसद अरुण कुमार को पार्टी का बिहार का सूबेदार बना दिया है। अरुण कुमार अगड़ी भूमिहार जाति के हैं। सुधांशु शेखर भास्कर और बिवट पासवान दलित चेहरा है तो मुसलमानों को भी पार्टी ने न सिर्फ साख लिया है बल्कि खासी तरजीह दी है। पूर्व मंत्री डा लुतुफुर रहमान और नूर हसन आजाद पार्टी में काफी सक्रिय हैं। पार्टी का सारा जोर जातिय गणित पर तो है ही, अतिपिछड़ों, महादलितों और मुसलमानों को गोलबंद करने में भी है। माना जारहा है कि राष्ट्रीय और प्रदेश इकाई में इस जातिय संतुलन को बनाए रखा जाएगा। बिहार में अगड़ी जाति लालू यादव से नाराज थी और इस नाराजगी के वजह से कोई और विकल्प नहीं देख कर अगड़ों ने नीतीश् का साथ दिया था। लेकिन नीतीश के राज में भी उन्हें बहुत तवज्जो नहीं मिली, इससे अब अगड़े उनसे भी नाराज हैं। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी एक विकल्प के तौर पर उनके सामने है। इसलिए नई पार्टी उन्हें साधने में किसी तरह की कोताही नहीं दिखाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश इकाई की कमान या तो किसी अल्पसंख्यक को सौंपी जाएगी या फिर किसी अगड़ी जाति को, ताकि प्रदेश में साफ संदेश जाए।
  रैली में आयोजकों ने यह साफ कर दिया कि बिहार में बदलाव की लड़ाई शुरू हो गई है और उसकी अगुआई राष्ट्रीय लोक समता पार्टी करेगी। यह भी इत्तफाक ही है कि इस रैली के आयोजकों में कई चेहरे ऐसे हैं, जो समता पार्टी के निर्माण के समय भी सक्रिय थे। ये चेहरे हैं-उपेंद्र कुशवाहा, अरुण कुमार और सतीश कुमार। यही वजह है कि रैली में जॉर्ज फर्नांडीज की चर्चा भी खूब हुई। यह भी कम दिलचस्प नहींं है कि बरसों पहले जब समता पार्टी का गठन किया गया था, तब नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही गई थी और इस बार लोक समता पार्टी के गठन के दौरान नीतीश की तानाशाही प्रवृति के खिलाफ बिुगल फूंका गया और उन्हें सत्ता से बेदखल करने की बात कही गई।
 रैली में यह भी साफ हुआ कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के लिए नई पार्टी नए दोस्तोंको तलाशेगी। हालांकि अभी यह साफ नहींं हुआ है कि नई पार्टी किन ‘दोस्तों’ का साथ लेगी, लेकिन जो भी होंगे वे ऐसे होंगे उन्हें कुशवाहा के नेतृत्व में विश्वास रखना होगा। वैसे यह जानना भी कम दिलचस्प   नहींं है कि भाजपा और जद (एकी) के कम से कम तीन दर्जन विधायकों ने इस नई पार्टी में दिलचस्पी ली है और इस बात का इरादा जाहिर किया है कि अगर उन्हें इस नई पार्टी में सम्मान मिले तो वे नीतीश का साथ छोड़ने के लिए तैयार हैं।
 नई पार्टी के लिए यह बात भी महत्त्वपूर्ण थी कि इसमें बिहार के सभी जिलों से लोग आए थे और नीतीश के गृह जिले से भी बड़ी तादाद में लोगों ने इसमें शिरकत की थी। 
उधर, नीतीश समर्थक दावा कर रहे हैं कि इक्का-दुक्का नेताओं के साथ छोड़ने से नीतीश पर कोई फर्क नहीं पड़ा। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के नतीजे इसके प्रमाण हैं। गौरतलब है कि नीतीश से नाराज होकर दिग्विजय सिंह और राजीव रंजन सिंह जैसे कई नेता अलग हुए थे। दिग्विजय तो बांका में अपना दुर्ग बचाने में सफल हो गए थे पर राजीव रंजन सिंह नीतीश से अलग होकर हाशिए पर चले गए। कुशवाहा नीतीश को अकेले चुनौती देने की चूक नहीं करना चाहते। वे नीतीश से खफा हर छोटे-बड़े नेता को लामबंद करने में जुट गए हैं। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की नजर नीतीश से नाराज अगड़ी जातियों पर भी टिकी हैं। जो अभी भाजपा या कांग्रेस के साथ तो हैं पर लालू और पासवान के साथ कतई जाना नहीं चाहती। लालू से अलग होकर जब जनता दल के नेताओं ने जार्ज फर्नांडिज की अगुवाई में समता पार्टी बनाई थी तो उपेंद्र कुशवाहा भी उसमें अग्रणी थे।
नीतीश जब दूसरी बार सत्ता में आए थे तो उन्होंने दावा किया था कि और कुछ हुआ हो या नहीं पर उनकी सरकार के पहले कार्यकाल में बिहारियों का स्वाभिमान बहाल हुआ है। उन्होंने बिहार से पलायन रोक देने के भी दावे किए थे। पर कुशवाहा के साथी अरुण कुमार का दावा है कि अभी भी लाखों बिहारी रोजगार के लिए सूबे से पलायन कर रहे हैं। कुशवाहा ने अपनी पटना की रैली में उत्तर प्रदेश की विधायक अनु प्रिया पटेल को खासतौर पर बुलाया था। जो उत्तर प्रदेश के कुर्मियों के सबसे असरदार नेता रहे सोनेलाल पटेल की बेटी हैं।
बिहार की राजग सरकार के खिलाफ आयोजित रैली में आम जनता की समस्याओं के प्रति संघर्ष का संकल्प लिया गया। नई पार्टी की प्राथमिकता युवा और किसान होंगे, जबकि इसकी नीतियां सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के आधार पर तय होगी।  कुशवाहा ने पार्टी के नाम की घोषणा करते हुए पार्टी का प्रमुख नारा- ‘जय किसान-जय नौजवान, हम सब मिलकर करेंगे बिहार का नवनिर्माण’ भी लोगों के सामने रखा। कुशवाहा का कहना है कि आपातकाल के बाद पहली बार प्रदेश में लोकतंत्र के समक्ष चुनौती आई है। जनतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हो गई हैं, राजनीतिक कार्यकर्ता हाशिए पर हैं। अधिकारियों और अपराधियों का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि शिक्षा- स्वास्थ्य के क्षेत्र में गिरावट, महादलित, अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ों की उपेक्षा हो रही है। वित्त रहित शिक्षा की चर्चा करते हुए कहा कि अनुदान राशि बांटने के नाम पर सभी का शोषण हो रहा है। बेरोजगारी के कारण बड़े पैमाने पर पलायन जारी है। नौजवानों की सबसे बड़ी दुश्मन वतर्मान राज्य सरकार है। उन्होंने कहा कि लोगों की हर समस्या को उनकी पार्टी उठाएगी। अपनी पूरी टीम के साथ अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने यह भी साफ किया कि अब भविष्य में वे गलती नहीं करेंगे और नीतीश के साथ नहीं जाएंगे।
 पूर्व सांसद अरुण कुमार का कहना है कि पलायन कर 59 लाख बिहारी सूबे से बाहर रह रहे हैं। वे हर साल 16,000 करोड़ रुपए भेजते हैं। यह एक समानांतर अर्थव्यवस्था है। सरकार ने शिक्षा का स्तर पूरी तरह से चौपट कर दिया है। ‘ई-गवर्नेस’ के बदले सूबे में 'इल-गवर्नेस' है। उन्होंने कहा कि हमने नीतीश कुमार को बिठाने (गद्दी पर) में तन-मन-धन लगाया है तो उन्हें उठाने में भी तन-मन-धन लगा देंगे। चाणक्य ने ‘नंद वंश’ के साम्राज्य की समाप्ति के लिए संकल्प लिया, पूरा किया, हम भी इसे दोहराते हैं। रैली में उत्तर प्रदेश की विधायक और परिवर्तन पार्टी की नेता अनुप्रिया पटेल ने भी शिरकत की।
नए राजनीतिक दल के गठन के बाद कयासों का दौर भी शुरू हो गया है खास कर कुशवाहा के नए दोस्तों को लेकर चर्चा आम है। वैसे आम लोगों ने यह सुगबुगाहट है कि अगर पार्टी ने जमीनी स्तर पर काम किया तो वह नीतीश का विकल्प दे सकती है क्योंकि नीतीश के राज में आम लोग बेहाल हैं और कई स्तर पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद नीतीश का ‘सुशासन’ सवालों के घेरे में है। देखना दिलचस्प होगा कि उपेंद्र कुशवाहा और अरुण कुमार की यह नई पार्टी बिहार में विकल्प के तौर पर उभरती है या नहीं।
उधर, नीतीश के खिलाफ सियासी माहौल को हवा देने में प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू की भूमिका भी है। उन्होंने राज्य में प्रेस की स्वतंत्रता नहीं होने का आरोप लगाकर नीतीश सरकार को नसीहत दी थी। नीतीश के करीबी भी इस आरोप को खारिज नहीं कर पाते कि तमाम अच्छाइयों के बावजूद नीतीश अगर किसी से चिढ़ जाएं तो प्रतिशोध के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं। लोकतंत्र में इस तरह की असहिष्णुता एक नकारात्मक पहलू मानी जाती है। विरोधियों के इस आरोप को नीतीश भी नहीं नकार सकते कि तमाम कोशिशों, प्रचार और दावों के बावजूद अभी तक राज्य में किसी भी औद्योगिक घराने ने निवेश की कोई पहल नहीं की है। ऐसे में सूबे का पिछड़ापन दूर करने के दावे   हवाई ही साबित होंगे।
इन सबके बीच ही बिहार में वित रहित और नियोजित शिक्षकों का प्रदर्सन जारी है। पटना में शिक्षकों पर पुलिस के लाठी चलाने को लेकर भी नीतीश की आलोचना हो रही है। नियोजित शिक्षकों को नीतीश ने वोट बैंक के लिए नौकरी पर तो रख लिया लेकिन उनके वेतन मनरोगा मजदूरों से भी कम है। एक ही स्कूल में एक शिक्षक छत्तीस हजार वेतन पा रहा है तो दूसरे शिक्षक को छह हजार तनख्वाह दी जारही है। वेतन की इन विसंगतियों को लेकर ही शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं। नीतीश के अधिकार यात्रा के दौरान भी शिक्षकों ने उनका जम कर विरोध किया था। अब इस आंदोलन के जोर पकड़ने से नीतीश की मुश्किलें बढ़ गई हैं।