Sunday, July 28, 2013

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का चिंतन सह प्रशिक्षण शिविर संपन्न





 राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का तीन दिवसीय चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर राजगीर (नालंदा) के जननायक कर्पूरी नगर में आयेजित हुआ। प्रशिक्षण शिविर में जहां अपने कार्यकर्त्ताओं का नीतीश सरकार को उखाड़ फेकने का पाठ पढ़ाया गया वही पार्टी के नेताओं ने अपने पार्टी पदाधिकारी को सात बिन्दुओं का एक दृष्टि पत्र देकर अपने-अपने क्षेत्र में नीतीश सरकार की विफलता को बताते हुए संगठन  को मजबूत करने का निर्देश दिया गया। इस चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर में राज्य के सभी जिलो से पार्टी पदाधिकारी को आमंत्रण किया गया था और सभी जिलों से पार्टी पदाधिकारी जोश और खरोश से पहुॅच कर पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व को यह एहसास करा दिया कि अन्य दलो के भांती यह दल भी कुछ करने का दम रखती है। इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार और वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर झा आजाद द्वारा संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया गया। इस शिविर में राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक, राष्ट्रीय महासचिव संजय वर्मा, विनोद कुशवहा, नूर हसन आजाद, क्रांति प्रसाद, शिवकुमार सिंह, अभियान समिति अध्यक्ष विज्ञान स्वरूप सिंह, प्रदेश युवा अध्यक्ष मनोज यादव, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष यशोदा कुशवाहा, प्रदेश महासचिव अंगद कुशवाहा, प्रधान महासचिव शंभू कुशवाहा, हिमांशु पटेल, प्रदेश युवा महासचिव अरविंद कुमार, प्रदेश सचिव अरुण सिंह, कटिहार जिलाध्यक्ष उमाकांत आनंद, प्रदेश कमिटि के सदस्य शत्रुघन यादव सहित राज्य भर से आए प्रतिनिधियों ने भी पार्टी पदाधिकारी को संबोधित किया। बहरहाल इस चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर से सत्ता दल में इस बात को लेकर बैचेनी हो गयी है आखिर कौन सी राजनीति चली जा रही है जबकि शिविर में इस बात की भी घोषणा की गई कि नीतीश सरकार को उखाड़ फेकने के लिए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के पास सारे विकल्प खुले है। वह किसी भी दल से गठबंधन कर नीतीश सरकार को उखाड़ फेकेंगी। हालांकि अपनी ताकत का अंदाजा लगाने के लिए रालोसपा लोक सभा का चुनाव अकेले दम पर बिहार के सभी चालीस सीट पर लड़ेगी।
इस तीन दिवसीय चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर में पहले दिन दो चरणो में चिंतन सह प्रशिक्षण शिविर को बांटा गया था। प्रदेश अध्यक्ष डा अरुण कुमार ने स्वागत भाषण और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उदघाटन भाषण में अपनी बात रखी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता फ़ज़ल इमाम मल्लिक ने पार्टी के दृष्टि पत्र के प्रारूप को लोगों के सामने रखा। बाद में इस पर पर हुई। चर्चा में कई पार्टी पदाधिकारी ने दृष्टि पत्र पर अपने-अपने विचार भी प्रकट किया।
दूसरे दिन प्रथम सत्र में ‘वतर्मान राजनीत में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की भूमिका’ विषय पर चर्चा किया गया तो तीसरे दिन पार्टी के अगामी कार्यक्रम की घोषणा की गई।  इस प्रशिक्षण शिविर में राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार राष्ट्रीय राजनीति का बदलाव का गवाह रहा है और इसका उदाहरण है कि जब 1990 में जब समाजिक न्याय की ताकत बिहार में उभर का सामने आई तो समाजिक न्याय पर छूटे सवालो को लेकर जार्ज फर्नानडीस के नेतृत्व में  समता पार्टी का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि आज जो सत्ता का सुख भोग रहे हैं, वह सत्ता का सुख उनकी अपनी कमाई नही है बल्कि उन्हीं जार्ज फर्नानडीस के 15 वर्षो का मेहनत का फल है लेकिन वतर्मान में सरकार चलाने वाले मुखिया उन्हें ही दरकिनार कर दिया जिन्होंने अपने संघर्ष से यह मुकाम हासिल कराया है। उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि इस सरकार का विफलताओं को जन-जन तक पहुॅचाने का काम रालोसपा करेगी। इसके लिए सभी जिलो में एक कार्यकर्त्ता सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इस सम्मेलन के माध्यम से जहां अपना संगठन मजबूत करना है वही आम जन को भी इस सरकार में हो रहे बलात्कार, हिंसा, मिड डे मिल नरसंहार, धार्मिक स्थल बौद्ध मंदिर में हुए बम कांड के बारे में भी बताना है। वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर आजाद ने अपने संबोधन में पार्टी पदाधिकारी को कई मंत्र दिए। उन्होंने पार्टी पदाधिकारी को बताया कि इस सरकार में समाजिक न्याय नहीं है युवा वर्ग निराश है कानून व्यवस्था गिरी हुई है, शिक्षा-व्यवस्था चौपट है, अल्पसंख्यक के लिए न्याय एवं भागीदारी नही है,सरकार में आर्थिक नीति की चुनौती और लूटतंत्र है कृषि और किसान परेशान है। आजाद ने पार्टी पदाधिकारी को बताय कि अपने-अपने क्षेत्र में जाकर सदस्यता अभियान को भी तेज करना है ताकि पार्टी के संगठन में और मजबूती मिले। उन्होने पार्टी पदाधिकारी से यह भी राय लिया कि नीतीश सरकार को हटाने के लिए किस दल से गठबंधन करना है तो सभी पार्टी पदाधिकारी  ने अपने-अपने विचार प्रकट किया लेकिन सबो ने एकमत होकर यह राय दिया कि इसके लिए नेता द्वय उपेन्द्र कुशवाहा एवं अरुण कुमार को गठबंधन का निर्णय लेने के लिए समक्ष है और उनके द्वारा लिया गया निर्णय सवर्मान्य होगा। वही उन्होने  कहा कि एक समय इस दल के लिए ऐसा आयेगा कि राष्ट्रीय पार्टी आकर गठबंधन के लिए अपना प्रस्ताव देगी इसके  लिए हम सभी कार्यकर्त्ता  को एकजुट होकर कार्य करना होगा। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार ने कहा कि छपरा के मशरक में हुए बाल नरसंहार को जब उपेन्द्र कुशवहा देखकर आए तो  वह वहा के दृश्य को देखकर रो बैठे और कहा कि ऐसी   सरकार को किसी भी सूरत में रहने का हक नही है। अगर सरकार जब बच्चे का हिफाजत नही कर सकती है तो आम लोगो की क्या हिफाजत करेगी। डा. कुमार ने कहा कि सूबे में सबसे बड़ा अस्पताल पटना मेडिकल कालेज हॉस्पीटल में आज पांच साल से ब्लड बैंक में एसी नही जबकि बिना एसी ब्लड बैंक में खून रखने पर वह कितना सुरक्षित रह सकता है वह बताने की चीज नहीं है और वतर्मान सरकार कहती है कि हम स्वास्थ्य क्षेत्र में आमूलचल परिवर्तन कर रहे है क्या यही है आमूलचल परिवर्तन। उन्होने कहा कि अगर रालोसपा की भागीदारी वाली सरकार बनी तो जिन किसानों का जमीन किसी सरकारी कार्य में अधिकृत होगा उस जमीन का किमत के साथ-साथ उस जमीन से होने वाले आय का 5 प्रतिशत जमीन दाता के परिवार को आजीवन रोआलटी मिलेगी। बहरहाल इस चिन्तन सह प्रशिक्षण शिवरि में कई प्रस्ताव भी लिये गये। जिसमें छपरा में  हुए बाल नरसंहार के के बाद सरकार के विफलता के कारण 24 जुलाई को सूबे के सभी जिला में जिला पदाधिकारी के कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया। बौद्ध गया के मंदिर के समक्ष पुलिस चौकी के सामने हुये बमकांड का निंदा प्रस्ताव लिया गया। वही कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि राशन कूपन प्रणाली का व्यवस्था ही लूट करने के लिए बनाया गया है क्योंकि सरकारी पदाधिकारी के इशारे पर ही कूपन में लूट होती है अगर इस प्रणाली को बंद कर जो राशि से राशन मिलता है वही राशि कूपन धारक को बैंक के माध्यम से भेजकर चेक  के द्वारा डीलर को देकर अपने राशि का उठाव करता तो लूट रूक सकती है और 40 हजार जनवितरण प्रणाली दुकान भले ही सरकार का एक उपक्रम है लेकिन सरकारी लाभ के नाम कुछ नही है अगर उन्हे एक उचित वेतन देकर सरकारी नौकरी के रूप में रखा जाय तो वह स्वयं भी लूट को रोकने में अपनी सहभागीता देगी। वही सभी पार्टी पदाधिकारियो ने  एक स्वर में पार्टी को मजबूत करने का निर्णय लिया ओर कहा कि आने वाले दिनो में सरकार में रालोसपा की भागीदारी होगी तो जन नायक कर्पूरी के रास्ते पर चलकर समाजिक न्याय  की धारा को मजबूत करेगे।निराश युवा वर्ग को शिक्षा और रोजगार के अवसर हर स्तर पर उपलब्ध कराया जायेगा और अपनी प्रतिभा के मुताबिक देश ओर राज्य की सेवा करेगें। कानून व्यवस्था को सुदृढ बनाया जायेगा। शिक्षा व्यवस्था में फैली अराजकता को रोक कर इसे मजबूत किया जायेगा। अल्पसंख्यको को समाजिक न्याय के साथ उनका हक भी मिलेगा। सरकारी तंत्र में लूट है उसे बंद किया जायेगा। वही चिन्तन सह प्रशिक्षण शिविर में बिहार विधान परिषद के सदस्य सह शिक्षक नेता संजीव श्याम सिंह ने भी पार्टी के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए सदस्यता ग्रहण किया और कहा कि वतर्मान सरकार हर मोर्चा पर विफल है चाहे वह शिक्षक का समान काम समान वेतन का मामला हो या फिर चिकित्सा हो याह कृषि ,कानून। उन्होने कहा कि वतर्मान सरकार की अपनी लाभ और अवसरपरस्ती का आलम यह है कि 17 वर्षो का गठबंधन को महज एक क्षण में दूर कर दिया इससे ही यह प्रतीत होता है कि जदयू में कितनी तानाशाही है और महत्वाकांक्षी अवसरवादी अपने फायदे के लिए किसी का इस्तेमाल कर और काम समाप्त होने पर उठाकर फेंक देना जदयू की आदत हो गयी है। इसलिए रालोसपा ही एक मात्र ऐसा विकल्प है कि सूबे में अमन चैन लाया जा सकता है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने बिहार के सभी 40 लोकसभा सीटों पर कार्यकर्ता सम्मेलन करने का फैसला किया है। पहले चरण में पंद्रह लोकसभा सीटों को चुना गया है। चार अगस्त से पार्टी का यह अभियान हाजीपुर संसदीय सीट से शुरू होगा। इस कड़ी में सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, झंझारपुर, उजियारपुर, आरा, बक्सर, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, नवादा और पूर्णिया शामिल है। 29 अगस्त को पूर्णिया संसदीय क्षेत्र में कार्यकता सम्मेलन के पहले चरण का समापन होगा। बाकी के पच्चीस लोकसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं के सम्मेलन की तारीखों का एलान बाद में किया जाएगा।



No comments:

Post a Comment