Friday, August 10, 2012

नीतीश सरकार का कृषि रोड मैप एक छलावा : कुशवाहा



बिहार नव निर्माण मंच के संयोजक सांसद उपेंद्र प्रसाद कुशवाहा ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार के कार्यकाल में किसानोंं की स्थिति दिनों-दिन खराब होती जा रही है। कुशवाहा ने कहा कि किसानोंं के हितों को ध्यान में रख कर राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया कृषि रोड मैप एक छलावा साबित हो रहा है और इससे किसानोंं को कोई फायदा नही मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि मंच की ओर से पूरे प्रदेश में २० जून से चलाए जा रहे संपर्क यात्रा के दौरान जगह-जगह किसानोंं ने उनसे मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया है।
सांसद ने कहा कि किसानोंं की स्थिति पहले से भी बदत्तर हो गयी है और उनके नाम पर जिन योजनाओं का संचालन किया जा रहा है उसकी राशि बिचौलिए लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार में किसान अधिक परेशानी में है जबकि सरकार उनकी उन्नति का दावा कर रही है। धान की खरीद के आंकड़ों की चर्चा करते हुए उन्होंने सरकारी दावे को झूठ का पुलिंदा बताया और कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि किसानों से अबतक धान की कितनी खरीद की गयी है। कुश्वाहा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से किसानों को घटिया बीज उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है और उत्पादकता प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि संपर्क यात्रा के दौरान किसानों ने अरवल जिले में उन्हें सरकार की ओर से दिए गए मूंग की बीज को दिखाया और कहा कि इन बीजों से पौधे पूरी तरह से विकसित नही हो पा रहे है। इसी तरह किसानों को खाध की समस्या से भी जूझना पड़ रहा और उन्हें अधिक राशि देकर कालाबाजारियों से खरीदना पड़ रहा है।
 कुशवाहा ने मंच की भावी राजनीति की चर्चा करते हुए कहा कि १५ जुलाई से संपर्क यात्रा का दूसरा चरण मुजफरपुर से प्रारंभ किया जाएगा और इस दौरान मंच के नेता गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याओं और किसानों की परेशानियों का आकलन करेंगे।    मंच के नेता शंकर आजाद और संजय वर्मा का मानना है कि नीतीश के शासनकाल में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ा है। हाल ही में पटना में छात्रा के साथ सामुहिक बलात्कार की घटना हुई, फिर सीवान के एक थाने में महिला के साथ सामुहिक बलात्कार हुआ। अपहरण, हत्या, लूट की घटनाओं में इजाफा हुआ है ओर नीतीश सुशासन का राग अलाप रहे हैं। आजाद ने इस बात पर हैरत जताई कि हाल ही में चारा घोटाले में हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि सीबीआई नीतीश कुमार की संलिप्तता पर भी विचार करे लेकिन किसी अखबार ने इस खबर को नहीं छापी। उन्होंने कहा कि बिहार में पत्रकारिता नीतीश के हाथों बिक गई है।

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